Thursday, May 8, 2014

स्वस्थ शरीर है सबसे बड़ा खजाना !

स्वस्थ शरीर है सबसे बड़ा खजाना !

 आधुनिक जीवन शैली की तेज रफ्तार एवं भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का विषय बहुत पीछे रह गया है और नतीजा यह निकला की आज हम युवावस्था में ही ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, ह्रदय रोग, कोलेस्ट्रोल, मोटापा, गठिया, थायरॉइड जैसे रोगों से पीड़ित होने लगे हैं जो कि पहले प्रोढ़ावस्था एवं व्रद्धावस्था में होते थे और इसकी सबसे बड़ी वजह है खान पान और रहन सहन की गलत आदतें, आओ हम सेहत के इन् नियमों का पालन करके खुद भी स्वस्थ रहे तथा परिवार को भी स्वस्थ रखते हुए अन्य लोगों को भी अच्छे स्वास्थय के लिए जागरूक करें ताकि एक स्वस्थ एवं मजबूत समाज और देश का निर्माण हो,क्योंकि कहा भी गया है-पहला सुख निरोगी काया l
भोजन हो संतुलित- घी,तैल से बनी चीजें जैसे पूड़ी,पराँठे,छोले भठूरे,समोसे कचौड़ी,जंक फ़ूड,चाय,कॉफी ,कोल्ड ड्रिंक का ज्यादा सेवन सेहत के लिए घातक है इनका अधिक मात्रा में नियमित सेवन ब्लड प्रेशर ,कोलेस्ट्रोल,मधुमेह,मोटापा एवं हार्ट डिजीज का कारण बनता है तथा पेट में गैस,अल्सर,ऐसीडिटी,बार बार दस्त लगना,लीवर ख़राब होना जैसी तकलीफें होने लगती हैं इनकी बजाय खाने में हरी सब्जियां,मौसमी फल,दूध,दही,छाछ,अंकुरित अनाज और सलाद को शामिल करना चाहिए जो की विटामिन,खनिज लवण,फाइबर,एव जीवनीय तत्वों से भरपूर होते हैं और शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं l
चीनी एवं नमक का अधिक मात्रा में सेवन ना करें,ये डायबिटीज,ब्लड प्रेशर,ह्रदय रोगों का कारण हैं l
बादाम,किशमिश,अंजीर,अखरोट आदि मेवा सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं इनका सेवन अवश्य करें
पानी एवं अन्य लिक्विड जैसे फलों का ताजा जूस,दूध,दही,छाछ,नींबू पानी,नारियल पानी का खूब सेवन करें,इनसे शरीर में पानी की कमी नहीं हो पाती,शरीर की त्वचा एवं चेहरे पर चमक आती है,तथा शरीर की गंदगी पसीने और पेशाब के दवारा बाहर निकल जाती है l
व्यायाम का करें नियमित अभ्यास– सूर्योदय से पहले उठकर पार्क जाएं,हरी घास पर नंगे पैर घूमें,दौड़ लगाएं,वाक करें,योगा,प्राणायाम करें,इन उपायों से शरीर से पसीना निकलता है,माँस पेशियों को ताकत मिलती है,शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है,अनेक शारीरिक एवं मानसिक रोगों से बचाव होता है,पूरे दिन भर बदन में चुस्ती फुर्ती रहती है,भूख अच्छी लगती है इसलिए नियमित रूप से व्यायाम अवश्य करें l
गहरी नींद भी है जरुरी -शरीर एवं मन को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन लगभग 7 घंटे की गहरी नींद एक वयस्क के लिए जरुरी है,लगातार नींद पूरी ना होना तथा बार बार नींद खुलना,अनेक बीमारियों का कारण बनता हैl
अच्छी नींद के लिए ये उपाय करें- सोने का कमरा साफ सुथरा,शांत एवं एकांत में होना चाहिए,रात को अधिकतम 10-11 बजे तक सो जाना और सुबह 5-6 बजे तक उठ जाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है,सोने से पहले शवासन करने से अच्छी नींद आती है,खाना सोने से 2-3 घंटे पहले कर लेना चाहिए एवं शाम को खाना खाने के बाद 20-25 मिनट अवश्य घूमें l
टेंशन को कहें बाय बाय - रोज मर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्यों के लिए चिंतन करना सही है चिंता करना नहीं,चिता तो फिर भी मरने के बाद शरीर को जलाती है किन्तु लगातार अनावश्यक चिंता जीते जी शरीर को जला देती है इसलिए तनाव होने पर भाई,बंधू एवं विश्वास पात्र मित्रों से सलाह मश्वरा करें यदि समस्या फिर भी ना सुलझे तो विशेषज्ञ से राय लें l
नशे से रहें बच के- यूवा पीढ़ी के लिए कोई सबसे खतरनाक बीमारी है तो वो है नशे के जाल में फँसना,शराब,धूम्रपान,तम्बाकू ये सब सेहत के दुश्मन हैं,किसी भी स्थिति में नशे की लत से बचें,यदि नशे से बचे हुए हैं तो बहुत अच्छा किन्तु,यदि कोई नशा करते हैं तो जितनी जल्दी नशे से दुरी बना लें उतना ही अच्छा है,ये ऐसी बीमारी है जो कैंसर और एड्स से भी ज्यादा खतरनाक है और एकसाथ कई परिवारों को बर्बाद करती है तथा शारीरिक,मानसिक,आर्थिक एवं सामाजिक प्रतिष्ठा के नाश का कारण बनती है,इसलिए नशे से बचना ही बेहतर उपाय है l
स्वास्थय के ऊपर बताये हुए नियमों का पालन अवश्य करें क्योकि कहा भी गया है- हैल्थ इज वैल्थ l

Tuesday, May 6, 2014

मटर के फायदे.

मटर का मौसम आ गया है. मटर छिलना , उसे साल भर के लिए प्रीजर्व करना आदि काम शुरू हो चुके है.



- इसके लिए एक सुझाव है की बच्चों को शाम को टीवी देखते समय मटर छिलने को दे दें. वे बातें करते करते ये काम निपटा डालेंगे और साथ ही साथ ताज़ी मीठी मटर के दाने खाते भी जायेंगे जो उनके लिए बहुत अच्छे है.
- सभी छिल्कें एक अखबार के पन्ने में लपेट कर गाय को खिला दें.
- मटर त्रिदोष नाशक है; यह मल को बाँधने वाली है.
- कच्ची मटर खाने से कब्ज़ दूर होती है।
- ये स्त्रियों में माहवारी की रुकावट दूर करता है।
- मटर खाने से रक्त और माँस बढ़कर शरीर स्वस्थ होता है।
- मटर प्रोटीन का उत्तम साधन है।
- शरीर में कहीं भी दाह, जलन हो, हरी मटर पीसकर लेप करें।
- एक शोध में पता चला है कि हरी मटर में काउमेस्‍ट्रोल होता है जो कि एक प्रकार का फाइटोन्‍यूट्रीयन्‍ट होता है, अगर शरीर में इसकी संतुलित मात्रा होती है तो कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह भी पता चला है कि अगर आप हर दिन हरी मटर का सेवन करें तो पेट का कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।
- हरी मटर में विटामिन के भरपूर मात्रा में होता है जिससे हड्डियां मजबूत होती है। यह ऑस्टियोपोरोसिस के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करती है।
- हरी मटर में शरीर से ट्राइग्लिसराइड्स के स्‍तर को कम करने का गुण होता है जिससे कोलेस्‍ट्रॉल नियंत्रित रहता है।
- इसमें एंटी - इनफ्लैमेटरी कम्‍पाउंड और एंटी - ऑक्‍सीडेंट दोनों भरपूर मात्रा में होते है। जिससे दिल की बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
- हरी मटर उच्‍च फाइबर से भरपूर होती है जिसके सेवन से फैट नहीं बढ़ता है। इसलिए यह वजन घटाने में सहायक है।
- हरी मटर के एंटी - ऑक्‍सीडेंट शरीर को चुस्‍त - दुरूस्‍त रखने में सहायक होते है। इसके अलावा, हरी मटर में फ्लैवानॉड्स, फाइटोन्‍यूटिंस, कैरोटिन आदि होते है जो हमें हमेशा जवान और शक्ति से भरपूर बनाएं रखता है।
- हरी मटर के नियमित सेवन से भूलने की समस्‍या दूर हो जाती है।
- हरी मटर में उच्‍च फाइबर और प्रोटीन तत्‍व होते है जो शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करते है।
- भूनी हुई मटर के दाने और नारंगी के छिलकों को दूध में पीसकर उबटन करने से शरीर का रंग निखर जाता है।कुछ दिनों तक चेहरे पर पिसी मटर का उबटन मलते रहने से झांई और धब्बे समाप्त हो जाते है।
- यदि जाड़ो के दिनों में उंगलियों सूज जाये तो मटर के दानों का काढ़ा बनाये और थोड़े गर्म काढ़े में कुछ देर उंगलियों डुबोकर रखनी चाहिए अथवा इसके साथ मीठा तेल मिलाकर उंगलियों को धोना चाहिये।
- मटर को उबाल कर इस पानी से स्नान करने से शरीर की सूजन दूर होती है.
- शाम को यूँ ही कुछ खाने का मन हो तो ताज़ी मटर फलियों को धो कर उन्हें घी जीरे से बघार कर थोड़ा ढक कर पका लें. जब ये फलियाँ पक जाए तो इन्हें छिलके समेत खाए. ये बहुत ही स्वादिष्ट लगती है.
- मटर के दाने उबाल कर चाट की तरह खाए जा सकते है.
- इसकी कचौड़ियाँ , पराठे आदि भी बनते है.
- तो आप किस तरह मटर बनाने वाले है ?

प्याज के अद्भुत लाभ

प्याज काट कर रखने से यह वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया सोख लेता है.


 - कान दर्द : प्याज गर्म राख में भुनकर उसका पानी निचोड़कर कान में डाले। दर्द में तुरंत लाभ होगा
- मोतिया बिन्द : प्याज का रस एक तोला, असली शहद एक तोला, भीमसेनी कपूर तीन माशे सबको खूब मिलाकर लगाने से मोतिया का असर नहीं होता।

- पेट के कीड़े-प्याज का कच्चा रस पिलाने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हें
- बारूद से जलने पर- यदि शरीर का कोई भाग बारूद से जल जाये तो उस स्थान पर प्याज का रस लगाने से लाभ होता है।
- कब्‍ज दूर करता है .
- गले की खराश मिटाए- यदि आप सर्दी, कफ या खराश से पीडित हैं तो आप ताजे प्‍याज का रस पीजिये। इमसें गुड या फिर शहद मिलाया जा सकता है।
- ब्‍लीडिंग समस्‍या दूर करे- नाक से खून बह रहा हो तो कच्‍चा प्‍याज काट कर सूघ लीजिये।
- पाइल्‍स की समस्‍या में सफेद प्‍याज खाना शुरु कर दें। - मधुमेह करे कंट्रोल- कच्‍चा प्याज खाया जाए तो यह शरीर में इंसुलिन उत्‍पन्‍न करेगा।
- दिल की सुरक्षा- कच्‍चा प्‍याज हाई ब्‍लड प्रेशर को नार्मल करता है और बंद खून की धमनियों को खोलता है जिससे दिल की कोई बीमारी नहीं होती।
- कोलेस्‍ट्रॉल कंट्रोल करे- इसमें मिथाइल सल्‍फाइड और अमीनो एसिड होता है जो कि खराब कोलेस्‍ट्रॉल को घटा कर अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल को बढाता है।
- कैंसर सेल की ग्रोथ रोके- प्‍याज में सल्‍फर तत्‍व अधिक होते हैं। सल्‍फर शरीर को पेट, कोलोन, ब्रेस्‍ट, फेफडे और प्रोस्‍टेट कैंसर से बचाता है।
- एनीमिया ठीक करे- प्‍याज काटते वक्‍त आंखों से आंसू टपकते हैं, ऐसा प्‍याज में मौजूद सल्‍फर की वजह से होता है। इस सल्‍फर में एक तेल मौजूद होता है जो कि एनीमिया को ठीक करने में सहायक होता है। खाना पकाते वक्‍त यही सल्‍फर जल जाता है, तो ऐसे में कच्‍चा प्‍याज खाइये।
- बाल गिरने की समस्या से निजात पाने के लिए प्याज बहुत ही असरकारी है। गिरते हुए बालों के स्थान पर प्याज का रस रगडने से बाल गिरना बंद हो जाएंगे। इसके अलावा लेप लगाने पर काले बाल उगने शुरू हो जाते हैं।
- पथरी की शिकायत में प्याज बहुत उपयोगी है। प्याज के रस को चीनी में मिलाकर शरबत बनाकर पीने से पथरी की से निजात मिलता है। प्याज का रस सुबह खाली पेट पीने से पथरी अपने-आप कटकर बाहर निकल जाती है।
- गठिया के लिए – गठिया में प्याज बहुत ही फायदेमंद होता है। गठिया में सरसों का तेल व प्याज का रस मिलाकर मालिश करें, फायदा होगा।
- प्याज का पेस्ट लगाने से फटी एडियों को राहत मिलती है।
- दांत में पायरिया है, तो प्याज के टुकड़ों को तवे पर गर्म कीजिए और दांतों के नीचे दबाकर मुंह बंद कर लीजिए। इस प्रकार 10-12 मिनट में लार मुंह में इकट्ठी हो जाएगी। उसे मुंह में चारों ओर घुमाइए फिर निकाल फेंकिए। दिन में 4-5 बार 8-10 दिन करें, पायरिया जड़ से खत्म हो जाएगा, दांत के कीड़े भी मर जाएंगे और मसूड़ों को भी मजबूती प्राप्त होगी ।
- प्याज के सेवन से आंखों की ज्योति बढ़ती है।
- प्याज के रस का नाभि पर लेप करने से पतले दस्त में लाभ होता है। अपच की शिकायत होने पर प्याज के रस में थोड़ा-सा नमक मिलाकर सेवन करें।
- सफेद प्याज के रस में शहद मिलाकर सेवन करना दमा रोग में बहुत लाभदायक है।

आंखों की ज्योति बढ़ाएं

बच्चों को बहुत जल्दी चष्मा लग जाता है.. क्या उन्होंने हमसे ज्यादा कंप्यूटर और टीवी देखा है? आंखों की रौशनी आहार, योग और जीवनशैली पर निर्भर करती है 


आंखों की ज्योति बढ़ाएं:-
  1. जिस आंख में कुछ गया हो तो पानी से धो लें न मसलें।
  2. आँखों को स्वच्छ, शीतल और निरोगी रखने के लिए प्रातः बिस्तर से उठकर, भोजन के बाद, दिन में कई बारऔर सोते समय मुँह में पानी भरकर आँखों पर स्वच्छ, शीतल जल के छींटे मारें। इससेआँखों की ज्योति बढ़ती है।ध्यान रहे कि मुँह का पानी गर्म न होने पाये। गर्म होने पर पानी बदल लें। मुँह में से पानी निकालते समय भी पूरे जोर से मुँह फुलाते हुए वेग से पानी को छोड़ें। इससे ज्यादा लाभ होता है। आँखों के आस-पास झुर्रियाँ नहीं पड़तीं और आंखों की बीमारी दूर होती है।
  3. रात को 1 चम्मच त्रिफला मिट्टी के बर्तन में भिगाकर सुबह निथरे पानी से आंख धोयें। इससे रोशनी बढ़ती है बीमारी नहीं होती।
  4. पैरों के तलवे में सरसों के तेल की मालिश करने, स्नान से पूर्व अंगूठे को सरसों के तेल से तर कर देने से आंख के रोग नहीं होते, आंखों की रोशनी बढ़ती है।
  5. आंखों की स्वस्थ्यता के लिए अच्छी नींद जरूरी है। वरना आंखों के नीचे काला पड़ जाता है और रोशनी धुंधली पड़ जाती है।
  6. लगातार नहीं पढ़ना चाहिए। आंखों को विश्राम दें। सूर्य की रोशनी को टकटकी लगाकर नहीं देखना चाहिए।
  7. यात्रा के दौरान पढ़ना नहीं चाहिए।
  8. प्रातः नंगे पांव हरी घास पर टहलना चाहिए।
  9. अधिक धूम्रपान, मदिरापान आंखों को नुकसान पहुंचाती है।
  10. बच्चों को तीर, धनुष, गिल्ली डंडा खेलते समय सावधानी बरतें।
  11. हरी इलाइची छोटी 10 ग्राम, सौंफ 20 ग्राम मिश्रण सबको महीन पीस लें। एक चम्मच चूर्ण के साथ पीने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।
  12. आंखों में सूजन हो जाने पर नीम के पत्ते को पीस कर , अगर दाई आंख में है तो बाएं पैर के अंगूठे पर नीम का पत्ती को पीस कर लेप करें। ऐसा अगर बाई आंख में हो तो दाएं अंगूठे पर लेप करें। आंखों की लाली व सूजन ठीक हो जायेगी।
  13. अग्नि देखने से आंखों की ज्योति बढ़ती है, जबकि टीवी देखने से आंखों की ज्योति घटती है 
  14. जिन बच्चो की या जवानो की आँखों की रौशनी कमजोर है चश्मा पहनना पड़ता वे लोग प्राणमुद्रा का अभ्यास किया करें | हाथ की आखिरी दो उँगलियों का आखिरी हिस्सा अंगूठे के उपरी हिस्से से मिलाकर पहली दो उंगलियाँ सीधी रखें | जिनकी आँखे की रौशनी कमजोर है वे..लाल गाजर का रस पिया करें ...या हरा धनिया खूब खाएं सब्जी में, या उसकी चटनी बना कर खाएं |
  15. गर्मी और धूप में से आने के बाद गर्म शरीर पर एकदम से ठंडा पानी न डालो। पहले पसीना सुखाकर शरीर को ठंडा कर लो। सिर पर गर्म पानी न डालो और न ज्यादा गर्म पानी से चेहरा धोया करो। बहुत रौशनी को और बहुत चमकीले पदार्थ को घूरकर न देखा करो।
  16. नींद का समय हो जाए और आँख भारी होने लगे, तब जागना उचित नहीं। सूर्योदय के बाद सोये रहने, दिन में सोने और रात में देर तक जागने से आँख पर तनाव पड़ता है और धीरे-धीरे आँखे बेनूर, रुखी और तीखी होने लगती है
  17. धूल, धुआँ और तेज रोशनी से आँख को बचाए।
  18. मल-मूत्र और अधोवायु के वेग को रोकने, ज्यादा देर तक रोने और तेज रफ़्तार वाहन की सवारी करने से आँख पर सीधी हवा लगने के कारण आँख कमजोर होती है.
  19. बालों पर रंग, हेयर डाई और केमीकल शैम्पू नहीं लगाएं

कुछ जरुरी सुझाव

* दिमाग तेज बनाने के लिए रोजाना सुबह सैर करें। हरी घास पर चलने से दिमाग के साथ-साथ ब्लड प्रेशर भी ठीक बना रहता है।



* दांत मजबूत बनाने के लिए नीम की दातून का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे दांत में कीड़ा नहीं लगता और आपके दांत मजबूत भी बनते हैं।

* सर्दियों में अपनी डाइट में ड्राई फ्रूट्स को भी शामिल करें। ये पौष्टिक तो हैं ही, त्वचा के लिए भी लाभदायक हैं।

* फ्रिज की ठंडी चीजें सीधे खाने से बचें। इसे हल्का सा गर्म करके खायेंगे, तो पाचन तंत्र ठीक रहेगा।

* गर्दन में दर्द न हो, इसके लिए सोने का सही तरीका अपनाएं। तकिए का इस्तेमाल कम करें। फिर भी दर्द है तो एक्सरसाइज या योग करें। तब भी आराम न मिले तो डाक्टर से सलाह लें।

* गर्म मसाला चूर्ण को नींबू के रस में भिगो दें। भोजन के बाद इसे आधा चम्मच लें। यह पाचन के लिए बेहतरीन दवाई का काम करता है।

* ज्यादा लिपिस्टिक लगाने से कभी-कभी होठों का रंग काला पड़ने लगता है। हो सके तो इसे लगाने से परहेज करें। लगानी भी पड़े तो, बाद में उसे साफ करके होंठों पर नींबू का रस लगायें। इससे आपके होंठ काले नहीं पडेंगे।

* अगर आपको पिंपल की समस्या है, तो साबून का प्रयोग न करें। साबुन आपके चेहरे से आयल को सोख लेता है जिससे आपकी समस्या कम होने की जगह बढ़ सकती है। चेहरे पर नीम का फेस पैक लगाएं।

* अगर आपकी आंखों के नीचे काले घेरे या झुर्रियां पड़ गयी हैं, तो दूध की मलाई से उस जगह की रोजाना मालिश करें।

* त्वचा को मुलायम बनाने के लिए शहद में नींबू का रस मिलाकर पांच मिनट मालिश करें।

* तनाव न हो, इसके लिए सकारात्मक सोच अपनाएं। अधिक तनाव से केवल आपके दिमाग पर असर पड़ता है बल्कि ब्यूटी पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। जैसे बालों का गिरना, आंखों के नीचे काले घेरे होना और चेहरे की चमक घीरे-धीरे गायब होने लगेगी।

* बाल सफेद न हों, इसके लिए विटामिन-ई युक्त तेल का प्रयोग करें। इससे आपके बाल असमय सफेद नहीं होंगे साथ ही गिरना बन्द हो जायेंगे। खाने में भी इस तेल का इस्तेमाल फायदेमंद होता है।


* यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे।

* जुकाम होने पर कालीमिर्च के चार-पांच दाने पीसकर एक टी-कप दूध में पकाकर सुबह-शाम लेने से लाभ मिलता है।


* एक चम्मच शहद में 2-3 बारीक कुटी हुई कालीमिर्च और एक चुटकी हल्दी पावडर मिलाकर लेने से कफ में राहत मिलती है।


* इससे शरीर की थकावट दूर होती है। कालीमिर्च से गले की खराश दूर होती है।


* इससे रक्त संचार सुधरता है।यह दिमाग के लिए फायदेमंद होती है। गैस के कारण पेट फूलने पर कालीमिर्च असरदार होती है। इससे गैस दूर होती है। कालीमिर्च की चाय पीने से सर्दी-ज़ुकाम, खाँसी और वायरल इंफेक्शन में राहत मिलती है। कालीमिर्च पाचनक्रिया में सहायक होती है।


* कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है।

केले के लाभ

Kele ke laabh (fayde).
केले के लाभ.
Benefits of Banana.

वैसे तो केला बारह ही महीने बाजार में उपलब्ध रहता है। लेकिन बरसात के सीजन में ये शरीर के लिए विशेष लाभदायक होता है। कच्चा केला मीठा, ठण्डी तासीर का, भारी, स्निग्ध, कफकारक, पित्त, रक्त विकार, जलन, घाव व वायु को नष्ट करता है। पका हुआ केला स्वादिष्ट, शीतल, मधुर, वीर्यवर्ध्दक, पौष्टिक, मांस की वृध्दि करने वाला, रुचिकारक तथा भूख, प्यास, नेत्ररोग और प्रमेह का नाश करने वाला होता है।



- यदि महिलाओं को रक्त प्रवाह अधिक होता है तो पके केले को दूध में मसल कर कुछ दिनों तक खाने से लाभ होता है।
- बार-बार पेशाब आने की समस्या हो तो चार तोला केले के रस में दो तोला घी मिलाकर पीने से फायदा होता है।
- यदि शरीर का कोई हिस्सा जल जाए तो केले के गूदे को मसल कर जले हुए स्थान पर बांधे। इससे जलन दूर होकर आराम पहुंचता है।
- पेचिश रोग में थोड़े से दही में केला मिलाकर सेवन करने से फायदा होता है।
- संग्रहणी रोग होने पर पके केले के साथ इमली तथा नमक मिलाकर सेवन करें।
- दाद होने पर केले के गूदे को नींबू के रस में पीसकर पेस्ट बनाकर लगाएं।
- पेट में जलन होने पर दही में चीनी और पका केला मिलाकर खाएं। इससे पेट संबंधी अन्य रोग भी दूर होते हैं।
- अल्सर के रोगियों के लिये कच्चे केले का सेवन रामबाण औषधि है।
- केला खून में वृध्दि करके शरीर की ताकत को बढ़ाने में सहायक है। यदि प्रतिदिन केला खाकर दूध पिया जाए तो कुछ ही दिनों में व्यक्ति तंदुरुस्त हो जाता है।
- यदि चोट लग जाने पर खून का बहना न रुके तो उस जगह पर केले के डंठल का रस लगाने से लाभ होता है।
- केला छोटे बच्चों के लिये उत्तम व पौष्टिक आहार है। इसे मसल कर या दूध में फेंटकर खिलाने से लाभ मिलता है।
- केले और दूध की खीर खाने या प्रातः सायं दो केले घी के साथ खाने या दो केले भोजन के साथ घंटे बाद खाकर ऊपर से एक कप दूध में दो चम्मच शहद धोलकर लगातार कुछ दिन पीने से प्रदर रोग ठीक हो जाता है।
- केले का शर्बत बनाकर पीने से सूखी खांसी, पुरानी खांसी और दमे के कारण चलने वाली खांसी में 2-2 चम्मच सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
- एक पका केला एक चम्मच घी के साथ 4-5 बूंद शहद मिलाकर सुबह-शाम आठ दिन तक रोजाना खाने से प्रदर और धातु रोग में लाभ होता है।
- पके केले को घी के साथ खाने से पित्त रोग शीघ्र शान्त होता है।
- मुंह में छाले हो जाने पर गाय के दूध के दही के साथ केला खाने से लाभ होता है।
- एक पका केला मीठे दूध के साथ आठ दिन तक तक लगातार खाने से नकसीर में लाभ होता है।
- दो केले एक तोला शहद में मिलाकर खाने से सीने के दर्द में लाभ होता है।
- दो पके केले खाकर, एक पाव गर्म दूध एक माह तक सेवन करने से दुबलापन दूर होकर शरीर स्वस्थ बनता है।
- प्रतिदिन भोजन के बाद एक केला खाने से मांसपेशियां मजबूत बनती है व ताकत देता है।
- प्रातः तीन केले खाकर, दूध में शक्कर व इलायची मिलाकर नित्य पीते रहने से रक्त की कमी दूर होती है।
- यदि बाल गिरते हों तो केले के गूदे में नींबू का रस मिलाकर सिर में लगाने से बाल झड़ना रूक जाता है।
- जलने या चोट लगने पर केले का छिलका लगाने से लाभ होता है।
- पके हुए केले को आंवले रस तथा शक्कर मिलाकर खाने बार-बार पेशाब आने की शिकायत होती है।
- बच्चे को दस्त लग जाने पर पके केले को कटोरी में रख कर चम्मच से घोट कर मक्खन जैसा बना लें और जरा सी मिश्री पीस कर मिला कर बच्चे को दिन में दो तीन बार खिलाएं। लाभ होगा, कमजोरी नहीं आएगी और बच्चे के शरीर में पानी की कमी नहीं हो पाएगी। ध्यान रहे कि केला जितनी बार खिलाना हो, उसे उसी समय बनाएं। ढक कर रखा गया या काट कर रखा केला न खिलाएं। वह हानिकारक हो सकता है। मिट्टी खाने के आदी बच्चों को इसका गूदा खूब फेंट कर जरा सा शहद मिला कर आधा आधा चम्मच खिलाना उपयोगी है। पर ध्यान रहे की शाम के बाद केला ना दे ।
- कोई भी चीज मात्रा से अधिक खाना पीना हानिकारक है। इसी तरह केला भी ज्यादा खाने से पेट पर भारी पड़ेगा, शरीर शिथिल होगा, आलस्य आएगा। कभी ज्यादा खा लिया जाए तो एक छोटी इलायची चबाना लाभकारी है।
- कफ प्रकृति वालों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। हमेशा पका केला ही खाएं।
- केले में मैग्नीशियम की काफी मात्रा होती है जिससे शरीर की धमनियों में खून पतला रहने के कारण खून का बहाव सही रहता है। इसके अलावा पूर्ण मात्रा में मैग्नीशियम लेने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है।
- कच्चे केले को दूध में मिलाकर लगाने से त्वचा निखर जाती है और चेहरे पर भी चमक आ जाती है।
- रोज सुबह एक केला और एक गिलास दूध पीने से वजन कंट्रोल में रहता है और बार- बार भूख भी नहीं लगती।
-गर्भावस्था में महिलाओं के लिए केला बहुत अच्छा होता है क्योंकि यह विटामिन से भरपूर होता है।
- गले की सुजन में लाभकारी है।
- जी-मिचलाने पर तो पका केला कटोरी में फेंट कर एक चम्मच मिश्री या चीनी और एक छोटी इलायची पीस कर मिला कर खाने से राहत मिलेगी।
- केले के तने के सफेद भाग के रस का नियमित सेवन डायबिटीज की बीमारी को धीरे-धीरे खत्म कर देता है।
- खाना खाने के बाद केला खाने से भोजन आसानी से पच जाता है।

मलेरिया तथा डेंगू बुखार (Fever) के दादी माँ के नुस्खे

पहला प्रयोगः इन्द्रजौ, नागरमोथ, पित्तपापड़ा, कटुकी प्रत्येक का आधा से 1 ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार खाने से मलेरिया तथा डेंगू में लाभ होता है।
दूसरा प्रयोगः तुलसी के हरे पत्तों तथा काली मिर्च को बराबर मात्रा में लेकर, बारीक पीसकर गुंजा जितनी गोली बनाकर छाया में सुखावें। 2-2 गोली तीन-तीन घण्टे के अन्तर से पानी के साथ लेने से  मलेरिया तथा डेंगू में लाभ होता है।
तीसरा प्रयोगः नीम अथवा तुलसी का 20 से 50 मि.ली. काढ़ा या तुलसी का रस 10 ग्राम और अदरक का रस 5 ग्राम पीने से मलेरियातथा डेंगू में लाभ होता है।
चौथा प्रयोगः करेले के 1 तोला रस में 2 से 5 ग्राम जीरा डालकर पीने से अथवा रात्रि में पुराने गुड़ के साथ जीरा खिलाने से लाभ होता है।
मलेरिया तथा डेंगू की अक्सीर (रामबाण) औषधिः
मलेरिया तथा डेंगू का बुखार लोगों को अलग-अलग प्रकार से आता है। मुख्यरूप से उसमें शरीर टूटता है, सिर दुःखता है, उल्टी होती है। कभी एकांतरा और कभी मौसमी रूप से भी मलेरिया तथा डेंगू का बुखार आता है और कई बार यह जानलेवा भी सिद्ध होता है।
इसकी एक सरल, सस्ती तथा ऋषिपरम्परा से प्राप्त औषधि हैः हनुमानजी को जिसके पुष्प चढ़ते हैं उस आकड़े की ताजी, हरी डाली को नीचे झुकाकर (ताकि दूध नीचे न गिरे) उँगली जितनी मोटी दो डाली काट लें। फिर उन्हें धो लें। धोते वक्त कटे हिस्से को उँगली से दबाकर रखें ताकि डाली का दूध न गिरे। एक स्टील की तपेली में 400 ग्राम दूध (गाय का हो तो अधिक अच्छा) गर्म करने के लिए रखें। उस दूध को आकड़े की दोनों डण्डियों से हिलाते जायें। थोड़ी देर में दूध फट जायेगा। जब तक मावा न तैयार हो जाये तब तक उसे आकड़े की डण्डियों से हिलाते रहें। जब मावा तैयार हो जाये तब उसमें मावे से आधी मिश्री अथवा शक्कर डालकर (इलायची-बादाम भी डाल सकते हैं) ठण्डा होने पर एक ही बार में पूरा मावा मरीज को खिला दें। किन्तु बुखार हो तब नहीं, बुखार उतर जाने पर ही खिलायें।
इस प्रयोग से मरीज को कभी दुबारा मलेरिया तथा डेंगू  नहीं होगा। रक्त में मलेरिया तथा डेंगू की 'रींग्स' दिखेंगी तो भी बुखार नहीं आयेगा और मलेरिया के रोग से मरीज सदा के लिए मुक्त हो जायेगा। 1 से 6 वर्ष के बालकों पर यह प्रयोग नहीं किया गया है। 6 से 12 वर्ष के बालकों के लिए दूध की मात्रा आधी अर्थात् 200 ग्राम लें और उपरोक्तानुसार मावा बनाकर खिलायें।
अभी वर्तमान में जिसे मलेरिया तथा डेंगू का बुखार न आता हो वह भी यदि इस मावे का सेवन करे तो उसे भी भविष्य में कभी मलेरियातथा डेंगू न होगा। दिमाग के जहरी मलेरिया तथा डेंगू में भी यह प्रयोग अक्सीर इलाज का काम करता है। अतः यह प्रयोग सबके लिए करने जैसा है।